राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में दिखी आदिवासी संस्कृति की कला ट्राइबल ज्वेलरी, पेंटिंग्स के साथ हस्तकला के अनुपम आइटम्स
एनएसपीन्यूज। डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में चल रहे 14वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव कला के महासंगम में ट्राइबल कल्चर की झलक जहां विभिन्न कलाओं में तो दिखेगी ही, इसके साथ साथ हस्तकला के अनुपम आइटम्स में भी दिखाई देगी।
दरअसल, देश के जाने माने झारखंड के आदिवासी क्षेत्र के दस्तकार संतू कुमार प्रजापति की स्टाल पर आदिवासियों के रोजमर्रा के काम में आनेवाली वस्तुएं देखी जा सकती हैं। बताते हैं ये वस्तुएं खुद आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई जाती हैं। उन्हें बढ़ावा देने के लिए जहां भी कला उत्सवों को आयोजन होता है, इन्हें प्रदर्शित करने के साथ ही इनकी बिक्री भी की जाती है। प्रजापति बताते हैं कि उनकी स्टाल पर जहां पूजन और सजावट वाली मेटल, खासकर पीतल की मूर्तियों से लेकर नेचुरल कलर्स से बनी पेंटिंग्स भी उपलब्ध हैं।
इस स्टाल पर मेटल की मूर्तियों में जहां देवी देवताओं की प्रतिमाएं शामिल हैं, वहीं सजावट की खूबसूरत डिजाइंस की मूर्तियां भी हैं। खास बात यह है कि इन प्रतिमाओं की बारीक कारीगरी इन्हें और आकर्षक बनाती हैं।इसके अलावा जूट के थैले यानी बैग्स भी एक से एक बेहतरीन डिजाइंस में उपलब्ध हैं।
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