लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग, सरकार और प्रशासन पर लगाए आरोप
एनएसपीन्यूज। वन परिक्षेत्र नेपानगर के जंगल की बीते सात माह से की जा रही अवैध कटाई से नाराज घाघरला सहित आसपास के गांवों के पांच सौ से ज्यादा ग्रामीण बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले पहुंचे ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अब जंगलराज पूरी तरह खत्म होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के जंगल की अंधाधुंध कटाई खुद सरकार और प्रशासन करा रहा है। यही वजह है कि अतिक्रमणकारियों को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
ग्रामीण आदिवासियों के साथ बुरहानपुर विधायक ठा. सुरेंद्र सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, वन मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें वन कटाई रोकने, कटाई के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने, संलिप्त वन और पुलिसकर्मियों के साथ लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। ज्ञात हो कि बीते छह माह में पांच बार घाघरला क्षेत्र के आदिवासी कलेक्टरेट पहुंच कर जंगल की कटाई रोकने के लिए ज्ञापन सौंप चुके हैं। अतिक्रमणकारियों को खदेडऩे के लिए वन और पुलिसकर्मियों के साथ जंगल गए कई ग्रामीण तीर व गोफन से घायल भी हो चुके हैं। बावजूद इसके नष्ट हो रहे जंगल को बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। जंगल की अवैध कटाई को लेकर मौन साध कर बैठीं नेपानगर की भाजपा विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर से ग्रामीणों का मोह भंग हो चुका है। इसे लेकर विधानसभा में आवाज उठाने के बाद ग्रामीणों ने बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को अपना लिया है। बीते दिनों विधायक शेरा ने वन अधिकारियों के साथ घाघरला के काटे गए जंगल का निरीक्षण भी किया था। बुधवार को भी वे ग्रामीणों के साथ खड़े नजर आए। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कलेक्टर भव्या मित्तल से भी चर्चा की है। जिसमें बताया गया है कि वन अतिक्रमणकारियों ने अब तक करीब बीस हजार एकड़ का जंगल पूरी तरह साफ कर दिया है।