राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाकौशल प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग विशेष का शुभारम्भ
नरसिंहपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महाकौशल प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग- विशेष का शुभारम्भ 24 मई को प्रातः 9 बजे गोटेगांव स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर स्थित सभागार में हुआ। सर्वाधिकारी हीरानंद चन्द्रवंशी, प्रांत कार्यवाह उत्तम बनर्जी एवं वर्ग कार्यवाह रविशंकर कहार ने भारतमाता की प्रतिमा पर दीपप्रज्वलन कर वर्ग का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सह प्रांत कार्यवाह विनोद नेमा एवं वर्ग के पालक अधिकारी विनोद दिनेश्वर उपस्थित थे। वर्ग में प्रांत भर से 183 शिक्षार्थियों की सहभागिता है। इस वर्ग का समापन 07 जून को दीक्षांत के साथ होगा।
स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए उत्तम बनर्जी ने कहा कि हमारे जीवन के चार सोपान हैं। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास। वानप्रस्थी जीवन का मतलब है अपने जीवन के अनुभव को समाज के हित में लगाना। गृहस्थी से विरक्ति एवं समाज से आशक्ति की ओर हमको बढ़ना है। हम इस वर्ग में वानप्रस्थी जीवन के उद्देश्य को समझने के लिए आये हैं। आगे उन्होंने कहा कि संघ को समझना है तो संघ के अंदर आना पड़ेगा, क्योंकि संघ का आकार बड़ा हो गया है, इसलिए संघ को पूर्ण रूप से समझना बहुत कठिन है। कोविड के समय समाज ने संघ के नेतृत्व में सेवा कार्य किया। संघ अब समाज परिवर्तन की भूमिका में उतर चुका है, समाज संघ की प्रेरणा से समाज परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है।