दिगम्बर जैन मंदिर में पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव का हुआ आयोजन

nspnews 12-11-2024 Regional

नरसिंहपुर। पिच्छिका का परिवर्तन प्रदर्शन का नहीं आत्म दर्शन का है, पिच्छी परिवर्तन भोग से योग की ओर ले जाने वाला है। दिगंबर श्रवण संस्कृति में जैन मुनि, आर्यिका, अहिंसा आदि व्रत का श्रेष्ठ पालक होता है। पिच्छी एक पहचान मुद्रा है, मुद्रा सर्वत्र मान्य रही है। फिर चाहे शासक वर्ग हो, धार्मिक वर्ग हो, सर्वत्र मुद्रा चिन्ह को पूजा जाता है। मोक्ष मार्ग में पिच्छिका कमंडल और शास्त्र संयम पालन और शुद्धि ज्ञान आराधना के लिए आवश्यक उपकरण बतलाये गये है। उपरोक्त बात आर्यिका मां 105 चिंतनमति माताजी ने करेली के दिगंबर जैन मंदिर परिसर में आयोजित भव्य पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव के दौरान कहीं। श्री दिगंबर जैन समाज करेली द्वारा सकल विश्व शांति हेतु श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन भी आर्यिका रत्न के सानिध्य में चल रहा है। गत रविवार को पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम के पूर्व नवीन पिच्छिकाओं की शोभायात्रा मंदिर परिक्रमा के साथ की गई। ततपश्चात मंदिर परिसर में आचार्य गुरुदेव का पूजन वंदन नगर गौरव सभी ब्रम्हचारिणी दीदियों, ब्रम्हचारी भैया व सकल जैन समाज ने भक्तिभाव के साथ किया। रात्रि में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

 

प्रादेशिक