ऑनलाइन माध्यम से फर्जी अवैध मतदाता फोटो पहचान पत्र बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार

nspnews 18-04-2024 Regional

एनएसपीन्यूज। भोपाल की राज्य सायबर पुलिस ने ऑनलाइन माध्यम से फर्जी पहचान-पत्र बनाकर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आरोपी को बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार किया है।
एडीजीयोगेश देशमुख ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समस्त राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को यह शिकायत भेजी गई कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर उससे लोगों के अवैध मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार किए जा रहे हैं। भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से 27 मार्च 2024 को यह जानकारी प्राप्त हुई। एडीजी ने बताया कि उक्त शिकायत संवेदनशील होने के कारण राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया और तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। राज्य सायबर टीम ने तत्काल कार्यवाही करते हुए विवेचना प्रारंभ की। विवेचना टीम द्वारा बिहार के हरसिद्धि, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर आरोपी की पहचान स्थापित करने के लिए तकनीकी तथ्यों व ओपन सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क टूल्स के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की तथा मुख्य आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्त फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि विधिवत जब्त किए। तत्पश्चात पुलिस ने गहन तकनीकी साक्ष्यों का संग्रहण कर इस केस के मास्टरमाइंड आरोपी रंजन पिता अशोक चौबे आयु 20 वर्ष, निवासी सोनवर्षा, थाना हरसिद्धि, जिला पूर्वी चंपारण, बिहार को चिन्हित् कर पूर्वी चंपारण, बिहार से मात्र 2 सप्ताह में गिरफ्तार कर लिया गया।  
कोई भी 20 रुपए का भुगतान कर बना सकता था फर्जी आईडी
एडीजी ने बताया कि आरोपी द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अन्य का फोटो- नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से मात्र 20 रुपए का भुगतान कर फर्जी आईडी प्राप्त कर सकता था या फिर उसे मूल आईडी के रूप में भी उपयोग कर सकता था। उन्होंने बताया कि इस फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं और नवंबर से अब तक आरोपी इस वेबसाइट के माध्यम से 3 लाख रुपए ठग चुका है। 
आरोपी द्वारा स्वयं को गोपनीय रखने हेतु अपनाए गए तरीके
एडीजी श्री देशमुख ने बताया कि आरोपी रंजन मात्र 10वीं उत्तीर्ण था। उसने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब के माध्यम से सीखा । उसने ऑनलाइन माध्यम से सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपए प्राप्त करने लगा। उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम व एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया। वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपी ने विदेश में स्थित कंपनी से डोमेन खरीदा, टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की। आरोपी हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था।

 

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