केन्द्रीय जेल में हुआ विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन
नरसिंहपुर। सोमवार को केन्द्रीय जेल नरसिंहपुर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमल जोशी की अध्यक्षता एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नरसिंहपुर वैभव सक्सेना की मौजूदगी में जेल में निरूद्ध बंदियों के लिए विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जोशी ने कहा कि जेल में निरूद्ध ऐसे दंडित बंदियों व विचाराधीन कैदियों जिनकी जमानत उच्च न्यायालय द्वारा 25 हजार रुपये की स्वीकृत हो चुकी है, आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह जमानत भरवाने में असमर्थ हैं, तो ऐसे प्रकरणों में जिला समिति के समक्ष रखे जाने पर समिति के सदस्यों द्वारा अनुमोदन कर राशि जमा कर बंदी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है। नवीन प्रकरणों में 10 वर्ष तक की सजा के अंतर्गत विचारण प्रकरण में 90 दिवस के अंदर चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो वह अपनी जमानत अर्जी न्यायालय के समक्ष पेश कर सकते हैं। ऐसे प्रकरण जिसमें घटना दिनांक के समय बंदी की उम्र 18 वर्ष से कम थी और उन्हें सजा से दंडित किया गया है या विचारण स्थिति में है, ऐसे प्रकरणों को सर्वाेच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रकरण को बाल न्यायालय में प्रस्तुत करवाने के लिए सुझाव दिया गया। शिविर में जिन बंदियों के वकील नियुक्त नहीं हैं, उन्हें विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से वकील नियुक्त कराने की सलाह दी गई। जिन बंदियों की अपील नहीं हुई, उन्हें विधिक सहायता के माध्यम से 30 दिवस के अंदर अपील न्यायालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि न्याय सबका अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति न्याय प्राप्त करने की दिशा में आवेदन व निवेदन द्वारा कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।