आरक्षित वर्ग का अनुचित लाभ लेने वाला शाखा प्रबंधक पद से बर्खास्त

nspnews 19-09-2024 Regional

एनएसपीन्यूज। सीहोर कलेक्टर ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के आरक्षित वर्ग का अनुचित लाभ लेने वाले शाखा प्रबंधक रमेश वारिया को पद से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही कलेक्टर श्री सिंह ने दो अन्य कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोक दी है। कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक श्री प्रवीण सिंह ने स्टाफ उप कमेटी की बैठक में बैंक कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की है।
      बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी दी कि कि हकीमाबाद शाखा के निलंबित शाखा प्रबंधक रमेश वारिया ने बैंक को गुमराह कर अपने आपको अनुसूचित जनजाति वर्ग का बताते हुए बैंक में नौकरी हासिल की तथा दो बार पदोन्नति भी प्राप्त कर ली। इसकी शिकायत कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक प्रवीण सिंह को प्राप्त हुई तो यह तथ्य सामने आया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग में न आते हुए भी श्री वारिया ने बैंक को गलत जानकारी देते हुए गुमराह किया और न केवल बैंक की सेवा में आए बल्कि इन्हीं गलत तथ्यों के आधार पर दो बार पदोन्नति भी प्राप्त कर ली। यह मामला सामने आने पर कलेक्टर एवं प्रशासक के निर्देश पर बैंक द्वारा जांच समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में आरोप सत्य पाए जाने पर श्री वारिया को स्टाफ उप समिति के निर्णय अनुसार सेवा से पृथक कर दिया गया है।
       इसी प्रकार हकीमाबाद शाखा में पदस्थ रहते हुए बिना किसी सक्षम स्वीकृति के निर्माण कार्य कराए जाने के मामले में भी श्री वारिया की दो वेतनवृद्धि स्थाई रूप से रोकने का निर्णय भी लिया गया है। इसी प्रकार एक अन्य मामले में सहायक लेखापाल दिनेश सोलंकी द्वारा श्यामपुर शाखा में अपनी पदस्थी के दौरान वित्तीय अनियमितता किए जाने के मामले में जांच में सत्यता पाए जाने पर श्री सोलंकी की दो वार्षिक वेतनवृद्धि स्थाई रूप से रोके जाने का निर्णय लिया गया है और धारा-64 में रूपए 11 लाख 91 हजार की वसूली के लिए वाद दायर करने तथा वसूली न होने पर श्री सोलंकी की जवाबदेही नियत कर वसूली की कार्यवाही का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार बैंक में भृत्य पद पर पदस्थ कैलाश धनगर द्वारा प्रधान कार्यालय में पदस्थी के दौरान कदाचरण की शिकायत प्राप्त हुई, इस संबंध में आरोप प्रमाणित होने पर व्यक्तिगत सुनवाई में क्षमा याचना करने पर श्री धनगर को दो वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया है।

 

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