फर्जी डिजिटल अरेस्ट से पीड़ित को रियल- टाइम में सुरक्षित निकालकर करोड़ों की ठगी रोकी
एनएसपीन्यूज। राज्य साइबर पुलिस भोपाल ने एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराते हुए करोड़ों रुपए की ठगी को रोका। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल) योगेश देशमुख द्वारा साइबर क्राइम के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए।
अरेरा कॉलोनी, भोपाल निवासी पीड़ित विवेक ओबेरॉय जो दुबई में एक कॉर्पाेरेट उद्यमी हैं, को अज्ञात साइबर जालसाजों ने खुद को TRAI, CBI और मुंबई साइबर क्राइम के अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करते हुए डिजिटल अरेस्ट में रखा। जालसाजों ने पीड़ित से निजी जानकारी और बैंकिंग विवरण मांगकर उन्हें गंभीर धमकियां दीं। सूचना मिलने पर उप पुलिस महानिरीक्षक मो. यूसुफ कुरैशी के पर्यवेक्षण में एक विशेष पुलिस टीम रवाना की गई, जिसने पीड़ित को इस डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया और उन्हें ठगी से बचाया।
जालसाजों द्वारा भेजे गए फर्जी नोटिस और धमकियों के बावजूद, पुलिस टीम ने विवेक को आश्वस्त किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई वैधानिक अवधारणा नहीं है और यह कि पुलिस या कोई अन्य प्राधिकरण इस तरह की प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करता।