लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु 15 नवम्बर से राजस्व महा-अभियान, जिला कलेक्टर्स को आवश्यक निर्देश जारी
एनएसपीन्यूज। राजस्व महा-अभियान-1 और 2 की सफलता के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजस्व महा-अभियान 3.0 को 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक चलाने के निर्देश दिये हैं। राजस्व महा-अभियान में किये जाने वाले कार्यों के विस्तृत दिशा-निर्देश सभी कलेक्टर्स को जारी कर दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री विवेक पोरवाल ने बताया कि राजस्व विभाग के लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों को राजस्व महा-अभियान 3.0 में ठीक किया जायेगा। सभी जिला कलेक्टर्स को महा-अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। जिलेवार प्रगति के लिये राजस्व महा-अभियान डेसबोर्ड भी बनाया गया है।
महा-अभियान में राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण, नये राजस्व प्रकरणों को राजस्व न्यायालयों में दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैच्युरेशन, आधार का आरओआर से लिंकिंग, परम्परागत रास्तों का चिन्हांकन, फार्मर रजिस्ट्री और स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना शामिल है।
राजस्व विभाग द्वारा महा-अभियान के जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि समय-सीमा पार कर चुके नामांतरण प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करते हुए नवीन दर्ज प्रकरणों का भी समय-सीमा में निराकरण किया जायेगा। साथ ही उत्तराधिकार नामांतरण के अंतर्गत ग्राम के पटवारी द्वारा बी-1 का वाचन कराया जाकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जायेगी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। उसके अनुसार प्रकरण दर्ज कर फौती नामांतरण की कार्रवाई होगी। इसी प्रकार बंटवारा प्रकरणों के लंबित प्रकरणों का निराकरण और नवीन दर्ज प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।
राजस्व महा-अभियान में 6 माह की अवधि से लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण भी सुनिश्चित होगा। राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि महा-अभियान में आरसीएमएस पर दर्ज लंबित सीमांकन प्रकरणों का त्वरित निराकरण और नवीन प्रकरणों को दर्ज कर निराकृत करें। महा-अभियान में धारा-131 के तहत मान्यता प्राप्त सड़क, रास्ते, सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन भी होगा।
राजस्व महा-अभियान में नक्शे में बटांकन की कार्रवाई की जायेगी। ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भू-लेख पोर्टल पर नक्शा बटांकन मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का काम किया जायेगा। तरमीम अमल कार्य करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जायेगी। सभी शामिल खसरों को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवं वर्तमान खसरा नक्शे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जायेगा। भू-अभिलेख पोर्टल पर जाकर आवेदक अपने खसरे को आधार से लिंक कर सकता है। इसका सत्यापन पटवारी द्वारा किया जायेगा।
पीएम किसान योजना में सेच्युरेशन के लिये की जाने वाली कार्यवाही में छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को योजना में जोड़ा जायेगा। अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएम किसान पोर्टल पर अद्यतन की जायेगी। लंबित ई-केवाईसी की कार्रवाई पीएम किसान एप, पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से ओटीपी द्वारा, सीएससी केन्द्र के माध्यम से बॉयोमेट्रिक द्वारा अथवा पीएम किसान एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन द्वारा पूर्ण की जायेगी। लंबित आधार बैंक खाता डीबीटी के लिये इनेवल करने की कार्यवाही संबंधित बैंकर्स का सहयोग लेकर एवं इण्डिया पोस्ट पेमेंट बैंक संबंधी खाता खोलकर पूर्ण की जायेगी।
महा-अभियान में स्वामित्व योजना के तहत 30 नवम्बर, 2024 तक समस्त ग्रामों में ग्राउण्ड ट्रुथिंग का कार्य पूर्ण किया जाकर अद्यतन नक्शा सर्वे ऑफ इण्डिया से प्राप्त किये जायेंगे। योजना में आरओआर एन्ट्री की कार्यवाही सतत रूप से की जायेगी। कार्यवाही को 15 दिसम्बर तक पूरा किया जायेगा।
राजस्व महा-अभियान 3.0 में की जाने वाली कार्यवाही पर संभागायुक्त नजर रखेंगे। साथ संभाग के जिलों का भ्रमण कर अभियान की प्रगति की नियमित समीक्षा भी करेंगे। राजस्व महा-अभियान में समन्वय के लिये राज्य स्तर पर अपर संचालक मध्यप्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।