आर्यिका अनंतमति माता जी का ससंघ संयमोत्सव पिच्छी परिवर्तन समारोह संपन्न

nspnews 16-11-2024 Regional

नरसिंहपुर। कंदेली स्थित जैन मंदिर जी में विगत चार माह से चातुर्मास कर रही आर्यिका अनंतमति माता जी का ससंघ संयमोत्सव पिच्छी परिवर्तन समारोह सानंद सपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रथम चरण में संयम के उपकरण पिच्छी को नगर भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम के दौरान पाठशाला के नन्हें मुन्नों बच्चों एव बालिकाओं, नवयुवकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। नवयुवकों का परंपरगत अहीर नृत्य एवं बालिकाओं की भाव भंगिमा ने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षण किया। इस दौरान नवीन संयमोपकरण पिच्छी ससंघ को समाज के सभी वर्गाे एवं बाहर आये श्रावक व श्राविकाओं द्वारा क्रमशः ससंघ माताजियों को भेंट कर इस भाव सागर से पार होने की भावना भाई। धार्मिक समारोह में आर्यिका रत्न अनंतमति माता जी ने उपस्थित लोगों को अपने आर्शीवचन में कहा कि जब से संयम रूपी पिच्छीका पूज्य गुरू के आर्शीवाद से हाथ में आयी है तब से जीवन में चमत्कार ही चमत्कार हो रहे हैं। ऐसे गुरू जब कलम उठाते हैं तो मूकमाटी से महाकाव्य की रचना कर देते हैं। उनकी वाणी से हमेशा जियो और जीने दो का संदेश प्रवाहित होता है इनकी करूणा,करूणामयी मां से भी बढ़ कर होती हैं। हमें सारी दुनिया तब अच्छी लगती है जब मां की गोद में होते हैं इसी प्रकार धर्म की परिभाषा है कि पेड ओर लताओं की छांव में अपने को आवश्यकता अनुसार सुकून प्राप्त करते हैं। सिंहासन पर बैठकर जीतना आनंद नहीं आता है संयम उपकरण के साथ आसन पर बैठकर करूणा, वात्सल्य की धारा मन में जो प्रवाहित होती है जीवन धन्य हो जाता है सक्रिय सम्यक दर्शन से धर्म चल रहा है मन तो तभी दुखी होता है उदास होता है परंतु इस उदासी को दूर करने के लिये साहस की आवश्यकता होती है। गुरू वचन कभी अन्यथा नहीं होते, संयमोत्सव के बिना जीव कल्याण नहीं होता है। जब फुटकर की दूकान इतनी अच्छी चलती है तो होलसेल की दुकान भी उससे अच्छी चलती है अर्थात गुरू के शिष्य इतने योग्य है तो गुरू की महिमा अपंरपार है। पुरानी पिच्छिका को प्राप्त करने वालों की होड़ लगी थी परंतु उक्त पुराने संयम उपकरण को प्राप्त करने वालों का चयन संयम के व्रत पालने वालों के बीच किया गया
आर्यिका अनंत मति माता जी की पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य सौरभ, लाली जैन, आर्यिका शुक्ल मति माता जी की पिच्छिका अमित, संजना, आर्यिका संवेगमति माता जी की पिच्छिका, संजय, रेखा जबलपुर, आर्यिका शोधमति माताजी की पिच्छिका विनोद, रंजना, रजनी, आर्यिका सुशील मति माता जी की पिच्छीका एड अनिल, माया पाटन, आर्यिका सुश्ुाध्द मति माता जी की पिच्छिाका सुमित, आरती, आर्यिका उदार मति माता जी की पिच्छीका संतोष, सिंधु, आर्यिका संतुष्ठमति माता जी की पिच्छिका रजनीश लेब टेक्शियन जबलपुर को प्राप्त हुयी। उक्त अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।