फर्जी बेवसाईट बनाकर खातों से पैसा निकालने वाले गिरफ्तार

3 पासबुक, 6 एटीएम कार्ड 12 मोबाइल व लाखों रूपये जप्त
भोपाल। फरियादी पी.सी. द्विवेदी ने 21 अप्रैल को थाना अमहिया में आवेदन दिया कि उनको क्रेडिट कार्ड संबंधी असुविधा होने पर उन्होंने गूगल पर बैंक की बेवसाईट को सर्च किया उसमें दिये गये कस्टमर केयर नंबर से बात की जिनके द्वारा आवेदक को आनलाईन फार्म भरवाया और आवेदक के खाते की ओटीपी लेकर दस लाख रूपये निकाल लिया है। रिपोर्ट पर थाना अमहिया में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान सायबर सेल रीवा से जानकारी प्राप्त हुई कि घटना कारित करने वाले आरोपी जामताड़ा (झारखण्ड) में रहते है। घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक को घटना कारित करने वाले आरोपियों के बारे में जानकारी से अवगत कराया। जिस पर संयुक्त टीम गठित कर जामताड़ा झारखण्ड के लिये रवाना किया। गठित टीम ने सायबर सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार जामताड़ा झारखण्ड में अलग-अलग जगह दबिश देकर तीन आरोपी मुसर्रफ अंसारी पिता गफ्फार मियां उम्र 29 निवासी कर्माटाण जिला जामताड़ा झारखण्ड, मनुवर अंसारी पिता मुस्तफा अंसारी उम्र 30 निवासी कर्माटाण जिला- जामताड़ा झारखण्ड तथा फैज आलम पिता मोहम्मद मंसूर आली उम्र 20 वर्ष निवासी रिंगों-चिंगों जिला जामताड़ा झारखण्ड को गिरफतार किया।
आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि हम एक गिरोह के रूप में घटना को संचालित करते थे। हमारी टीम का एक साथी जो कंप्यूटर के संबंध में जानकारी रखता है वह विभिन्नों बैंको की फर्जी बेवसाईट, फर्जी डोमेन का सहारा लेकर बनाता था और उसको गूगल पर अपलोड कर देता था। जब कोई बैंक कस्टमर खाते संबंधी समस्या आने पर संबंधित बैंक के कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करता है तो वहाँ पर हमारी फेक बेवसाईट भी खुल जाती है जिस पर हमारे द्वारा प्रदान किया गया मोबाईल नंबर उपलब्ध होता है। जैसे ही कस्टमर उस दिये गये नंबर पर फोन लगाता है तो हम लोग उससे बैंक कर्मचारी बनकर बात करके उससे उसके खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेते या तो एक गूगल फार्म उसी बेवसाईट पर भरने के लिये कहते है जिस पर कस्टमर के बैंक खाते संबंधी सभी जानकारी लेख की जानी रहती है। उक्त जानकारी प्राप्त होते ही हम लोग पैसे ट्रॉसफर किये जाने के विभिन्न प्रकार के डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुये उन पैसों को अपनी सुविधानुसार अपने व अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के बैंक खातो में ट्रांसफर कर लेते थे फिर उन पैसों एटीएम बूथ के माध्यम से निकाल लेते थे। हमारे संबंध में पुलिस व अन्य किसी को जानकारी ना हो इसके लिये हम अपनी सिम व मोबाईल बदलते रहते थे और उक्त संपूर्ण घटनाक्रम को अपने निवास स्थान से दूर जाकर संचालित करते थे जिससे किसी को हमारे मोबाईल की सही जानकारी प्राप्त नहीं हो सके। एक फर्जी बेवसाईट व फर्जी कस्टमर केयर नंबर को एक निश्चित समय तक उपयोग करने के बाद गूगल से उसे हटाकर उसे अपनी बैंक संबंधी फर्जी नई बेवसाईट बनाकर नया कस्टमर प्रदान पर गूगल पर अपलोड करते थे इसके बाद पुनः घटना को संचालित करते थे। पुलिस टीम ने आरोपियों से लगभग 9 लाख 89 हजार रूपये नगद, तीन पास बुक एवं 6 एटीएम कार्ड तथा 12 मोबाईल फोन एवं सिम कार्ड जप्त किये है।
