दिन में तापमान बढ़ने पर लू लगने की संभावना, सावधानियां बरतना जरूरी

nspnews 07-04-2025 Regional

एनएसपीन्यूज। बढ़ते तापमान के कारण ग्रीष्म काल में लू लगने की संभावनाओं को ध्यान गत रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन जन समुदाय को लू (तपाघात) के प्रकोप से बचाव व उपचार के उपायों से अवगत कराया जा रहा है।
            स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी के अनुसार अप्रैल-जून तक अत्याधिक गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए लू (तपाघात की संभावना) जानलेवा भी हो सकती है। लू से होने वाली इस जनहानि को आवश्यक सावधानियां का पालन करने का अहवान आमजन से किया गया है। इस प्रकोप से बचाया जा सकता है। 
लू से बचाव
गर्मी के दिनों में धूप से बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़ो का प्रयोग करें। बिना भोजन किये बाहर न निकलें। भोजन करे व पानी पीकर ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंककर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में व छतरी का प्रयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पियें एवं पेय पदार्थाे का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें। जहाँ तक संभव हो, ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम,मेहनत व अन्य कार्य न करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें।
प्राथमिक उपचार
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू से बचाव के उपाय भी बतलाएंगे जिनका उपयोग करने की सलाह दी गई है। यदि किसी व्यक्ति को लू जैसा लगता है तो अविलंब रोगी को तुरंत छायादार जगह पर, कपड़े ढीले कर के लिटा दें एवं हवा करें। रोगी को होश न आने की दशा में उसे ठंडे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना आदि दें। प्याज का रस ताप नियंत्रण हेतु मला जा सकता है।
                रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये संभव हो तो उसे ठण्डे पानी से स्नान करायें या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टिया रखकर पूरे शरीर को ढेंक दें। इस प्रक्रिया को तब तक दोहरावे जब तक कि शरीर का ताप कम नही हो जाता है। उपरोक्त उपचार से यदि मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे तत्काल निकट के चिकित्सा संस्था में लेकर जाएं ताकि चिकित्सक कि निगरानी में मरीज की देखभाल हो सकें।

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